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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

वक़्त का कहर

वक़्त का कहर

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दुनिया में इस कदर छाया है मातम

हर गली सन्नाटा और गम का आलम

आंसू तेरा पोछूं, या मेरे अश्क दिखाऊँ

आंसू तेरा पोछूं, या मेरे अश्क दिखाऊँ

ज्वाला न बुझ रही श्मशान की अब तक

करुण क्रंदन असहाय अपनों का कब तक

आंसू तेरा पोछूं, या तुझे ठाठस दे जाऊँ

आंसू तेरा पोछूं, या मेरे अश्क दिखाऊँ

मौत और श्मशान में दलाल जी रहे हैं

गरीब अमीर आंसू में मलाल पी रहे हैं

मंजर जमाने का देखूँ या तुझे दिखाऊँ

आंसू तेरा पोछूं, या मेरे अश्क दिखाऊँ

नहीं ये अखाड़ा ये आपदा की घड़ी है

मासूम रो रही है माँ की लाश पड़ी है

समंदर दुखों का देखूँ या तुझे दिखाऊँ

आंसू तेरा पोछूं, या मेरे अश्क दिखाऊँ

आ चिताओं में अब रोटी ना सेंक तू

अमर नहीं कोई, मानवता को देख तू

मानव धर्म देखूं या तुझे दिखाऊं


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