वक्त हरफनमौला है किसी के साथ नहीं चलता
वक्त हरफनमौला है किसी के साथ नहीं चलता
1 min
386
वक्त हरफनमौला है किसी के साथ नहीं चलता।
यह बहता हुआ दरिया है जो रूक नहीं सकता।
बहरों की बस्ती है और मतलब का ठिकाना,
यहां कोई किसी के मन की बात नहीं सुनता।
उसे अपना बनाने का हुनर अच्छे से मालूम है,
मकड़ी की तरह अपना वो जाल नहीं बुनता।
जब चारों तरफ बह रही हों हवाएं साजिशी,
सीने में धरा अंगार फिर कभी नहीं बुझता।
छूट जाएं दवाएं गर दुआएं साथ दें हमारा,
कोई हाथ मगर दुआ के लिए नहीं उठता।