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Sudhir Kumar

Romance Classics Inspirational

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Sudhir Kumar

Romance Classics Inspirational

तुम क्या जानो तुम मेरे लिए क्या हो

तुम क्या जानो तुम मेरे लिए क्या हो

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तुम क्या जानो तुम मेरे लिए क्या हो।

जुदा मत होना तुम मेरे लिए ख़ुदा हो।


हर कोई करता है इजाफा मेरे दर्द में,

मेरे दर्द ए ग़म की, एक तुम ही दवा हो।


मेरे खुश रहने की वजह पूछते हैं लोग,

मेरे यूं जीने की सिर्फ तुम ही वजह हो।


तेरे हुस्न की तारीफ करुं किस शय से,

लगता है जैसे किसी मय का नशा हो।


तुम मेरी चाहत हो, रुह हो, इबादत हो,

अदा मोहब्बत में हो, दिल में मज़ा हो।


मेरी हयात को तुम, दिल में पनाह देना,

आख़री सफ़र तक तुम मेरे रहनुमा हो।


तुम मत ढूंढना मुझको कहीं इधर उधर,

तुम्हारे पास मेरी, हर सांस का पता हो।


कयामत तक हम कभी जुदा न होंगे,

कसम है उसे जो एक दूजे से जुदा हो।


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