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Preeti Vaish

Tragedy

5.0  

Preeti Vaish

Tragedy

विष पीना होगा

विष पीना होगा

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जीवन पथ आलोकित करने को

सीमाओं से लड़ना होगा

आज मुझे विष पीना होगा।


सागर जितना गहरा है

मोती उतने मिल जाएंगे

हर साँस को मगर डुबोना होगा।


गहरी रातें घने अंधेरे

दीपक बन अब जलना होगा

आज मुझे विष पीना होगा।।


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