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Preeti Vaish

Others

2.1  

Preeti Vaish

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निशान

निशान

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स्याही से शब्द नहीं बनते

आत्मा से उकेरे जाते हैं।

रंग कैसा भी हो

शब्द लकीरों से पहचाने जाते हैं।।


लकीरें दिल पे खींच जाती हैं

निशान ताउम्र रह जाते हैं

आँसू हर शब्द को पहचान देता है

चुप रहकर भी सवाल हल हो जाते हैं।।।।


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