प्यार
प्यार
प्यार
प्यार कहाँ नही था,
जहाँ मैं थी,
बस वहां नहीं था।
बात खाली दिल धड़कनें की नहीं थी
जीवन आधार मिले
ऐसा इकरार नहीं था।
मंज़िल मंज़िल मिलती चली गयी
पर जहां मैं शिकवा करूँ
ऐसा संसार नहीं था।
घुटन इतनी थी कि साँस रुक रही
एक आह भी भरूँ
इतना आसान नहीं था।
प्यार कहीं नहीं था
प्यार कहीं नहीं था।

