रंग भरे बादल
रंग भरे बादल
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कि ख्वाहिश है,बादल को रंगू
आज मैं आसमान पर चढूं
कद्र किसको है कि अपना वजूद रखूँ
क्यों न मिटा दूँ और बादल तक चलूं।।
रंग सारे अपने साथ ही ले चलूँ
सपने अपने बनाकर देख लूँ
क्यों दुनिया के तिरस्कार को दिल में रखूँ
आज ख्वाहिश है कि बदल तक चलूँ।।
