विज्ञान
विज्ञान
झिलमिलाती सी एक रोशनी,
ध्यान रही थी सबका खींच।
हैरत में पड़ गये वहाँ सब,
ली सबने अपनी आँखें मीच।।
नन्हा-सा एक बालक,
उसका इंगित समझ रहा था।
बेझिझक हो उसके इंगित पर,
अनुगामी बन चल रहा था।।
ना कोई घबराहट मन में,
ना ही कोई ठहराव था।
नन्हे-नन्हे नयनों ने देख लिया,
एक हसीन ख्वाब था।।
चल पड़ा उसी दिशा में,
जिस ओर वह उजियारा ले चला।
हर पड़ाव को पार किया,
हर बार एक नया रास्ता खुला।।
पहुँचा एक नयी जगह वह,
नये जीवों से था घिरा।
लगे कुछ-कुछ सब वैसे,
जैसे नये मित्रों से हो मिला।।
नाम पता ना-काम पता ना,
उसको अपना दाम पता ना।
कितना कीमती है वह देखो,
उसको तो यह बात पता ना।।
अंतरिक्ष में था उसने,
अपना पहला कदम धर डाला।
एलियन से मुलाकात हुई,
तरक्की के क्षेत्र में नया इतिहास रच डाला।।
हासिल किया एक नया मुकाम,
हर ओर गूँज बस उसका नाम।
उसकी एक निडर सी सोच,
बनी जन्मदाता विज्ञान की,
हुई उन्नति की एक नयी खोज।।
