वीर सैनिकों की शहादत
वीर सैनिकों की शहादत


रो रही है धरती देखो,माटी रक्त से लाल है।
अत्याचारी नक्सली,बिछाया कैसा जाल है।
तुम्हारी वीरता पर नतमस्तक है पूरी दुनिया।
घटती हरबार ये घटना,इसी बात का मलाल है।1।
माटी के वीर सपूत तुमने अपना फर्ज निभाया है।
जान हथेली पर रखकर, अपना कर्ज चुकाया है।
माँ भारती के वीर पुत्र तुम भले ही शहीद हुए हो।
पर अपनी वीरता से माँ भारती का मान बढ़ाया है।2।
देश तुम्हारे रक्त के एक एक कण का हिसाब मांगेगा।
पथ से भटके रक्त पिपासुओं का हर एक सांस मांगेगा।
बलिदान तुम्
हारे रक्त का देश कभी न भूल पायेगा।
सीना चीर के आसमाँ से तुम्हें रोशन कर जाएगा।3।
कब तक लहू से लथपथ होगी,बस्तर की घाटी बताओ।
नक्सल का नासूर सहेगा कब तक छ.ग.की माटी बताओ।
जान न किसी सिपाही की जाने पाए,ऐसा कदम उठाओ।
रक्षा कवच से वीर जवानों की हिम्मत की परिपाटी बनाओ।4।
माँ भारती के बाइस सैनिक,अमर शहीद हो गए।
आघात दुश्मनों के सहकर,वो नींद में फिर सो गए।
बस्तर घाटी में नक्सलियों ने,कैसा खूनी खेल खेला।
अपनी स्वार्थपूर्ति के खातिर,इतने क्रूर कैसे हो गए।5।