अक्ती तिहार मनाबो जी
अक्ती तिहार मनाबो जी
पुतरा पुतरी के विवाह रचाबो।
चल संगी अक्ती तिहार मनाबो।
बने बने धान चाउर दिही भगवान।
जुर मिल के धरती दाई ल मनाबो।1।
खेती खार हर फले फूले जी अपार।
अन्न धन धान्य के बाढ़े नित भंडार।
देश ला आघु बढ़ाइया हावे किसान।
जुरमिल के मनाबो जी अक्ती तिहार।2।
बारह मास हरियर दिखे खेत खलिहान।
दुःख के बदरा छांटे खुश होये किसान।
अक्ती मना धरती दाई के करबो सम्मान।
किसान के मेहनत ले बाढ़े देश के मान।3।