STORYMIRROR

Sundar lal Dadsena madhur

Abstract Tragedy Inspirational

4  

Sundar lal Dadsena madhur

Abstract Tragedy Inspirational

अक्षय तृतीया की महत्ता

अक्षय तृतीया की महत्ता

1 min
559


अक्षय तृतीया शुभ दिवस, शुरू होता सब काज।

वैशाख माह का शुक्ल पक्ष, तिथि तृतीया आज।

ब्रम्हा पुत्र अक्षय का जन्म, हुआ तिथि ही आज।

परशुराम के शुभावतरण से, धरा बना बिना राज।1।


माँ गंगा धरती आयी, अन्नपूर्णा का अवतरण।

खजाना मिला कुबेर को, हुआ सोने का भरण।

पांडवों को अक्षय पात्र, मिले श्रीकृष्ण चरण।

ऋषभ देव के उपवास का, गन्नारस से पारण।2।


वेदव्यास गणेश संग, रचे महाभारत महाकाव्य।

बद्रीधाम कपाट खुले, मिलता दर्शन का भाग्य।

प्रभु जगन्नाथ के रथों का, प्रारम्भ का सौभाग्य।

शुभ दिवस अक्षय तृतीया, खुलता आज भाग्य।3।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract