सब अघ गरल उसी को हँस पीना होगा। सब अघ गरल उसी को हँस पीना होगा।
भी दे जाएंगे बेसहारा नन्हें परिंंदे को आकाश खुला दिखाएंगे। भी दे जाएंगे बेसहारा नन्हें परिंंदे को आकाश खुला दिखाएंगे।
शुभ दिवस अक्षय तृतीया,खुलता आज भाग्य। शुभ दिवस अक्षय तृतीया,खुलता आज भाग्य।
तुम, आ रही हो ना कविता अपनी पूर्णता के साथ मेरे भीतर... आ जाओ मैंने खोल दिए हैं सारे कपाट। तुम, आ रही हो ना कविता अपनी पूर्णता के साथ मेरे भीतर... आ जाओ मैंने खोल दिए हैं ...