वक़्त थम सा जाता है जैसे जितने बुरे सपने और ख्याल अपने हक़ीकत में घटित होने का वक़्त थम सा जाता है जैसे जितने बुरे सपने और ख्याल अपने हक़ीकत में ...
आखिरकार, यह चलचित्र शयनकक्ष में पूर्ण होता है। आखिरकार, यह चलचित्र शयनकक्ष में पूर्ण होता है।
मानवता को रोंदेंगे चलचित्र बनाते जाएंगे।। मानवता को रोंदेंगे चलचित्र बनाते जाएंगे।।
पहला पन्ना देखते याद आई तुम्हारी शायरी, फिर हम बैठ गए हाथ में पकड़े वो डायरी! पहला पन्ना देखते याद आई तुम्हारी शायरी, फिर हम बैठ गए हाथ में पकड़े वो डायरी...
कल..आज और फिर कल.. मनोरंजन...हमारे जीवन में कितना गया बदल!. कल..आज और फिर कल.. मनोरंजन...हमारे जीवन में कितना गया बदल!.
तुम, आ रही हो ना कविता अपनी पूर्णता के साथ मेरे भीतर... आ जाओ मैंने खोल दिए हैं सारे कपाट। तुम, आ रही हो ना कविता अपनी पूर्णता के साथ मेरे भीतर... आ जाओ मैंने खोल दिए हैं ...