वासंती गीत गा रही
वासंती गीत गा रही
अतीत के आगार से
प्रतीति के उद्गार से
स्मृतियां साकार हो
वासंती गीत गा रही !
प्रकृति के आभार से
सुकृति के प्रभार से
कल्पना पंख लगाकर
वासंती गीत गा रही !
आशा के विस्तार से
आभा के निस्तार से
उल्लास भाव जगाकर
वासंती गीत गा रही !
सरिता के प्रवाह से
वनीता के निर्वाह से
पलाश को सजाकर
वासंती गीत गा रही !
कामिनी के सिंगार से
मोहिनी के व्यवहार से
सुखद सुमुखी जागकर
वासंती गीत गा रही !