उनका रूठना हमारा मनाना
उनका रूठना हमारा मनाना
नाराज़ हो तुम हो जाओ
हम अपने अंदाज़ से तुम्हे मनायेंगे
पहली नज़र से तुमको चाहा है
आखरी सांस तक तुमको चाहेंगे
दूर होना है तुम्हे हो जाओ
हम तुमसे दूर ना हो पायेंगे
कल भी इस दिल के पास थी तुम
अब भी सीने में तुम्हे छुपायेंगे
अकेले चलना है तुम्हे चली जाओ
हम अकेले ना चल पायेंगे
तुम्हारे साथ ही कदम
तुम्हारे साथ ही पीछे हटायेंगे
नज़रे चुरानी है तुम्हे चुरा लो
हम निगाहें ना तुम से हटायेंगे
सपनों में भी सिर्फ तुम्हे देखा है
सामने कैसे नज़र बचायेंगे
बोलना नहीं तुम्हे मत बोलो
हम तुम्हारी खामोशी पढ़ते जायेंगे
हर अदा को तुम्हारी सराहा है
इस गुस्से को भी सराहेंगे
सुननी नहीं तुम्हे मत सुनो
हम तुम्हारी सुनते जायेंगे
कितना सुनाया था तुमने कभी
ये याद दिला कर तुम्हे रुलायेंगे
हंसना नहीं तुम्हें मत हसो
हम तुम्हारे होंठो के कमल खिलायेंगे
तुम्हारी मुस्कान से सुबह होती थी
तुम्हारे ठहाको में शाम बितायेंगे
मानना नहीं तुम्हें मत मानो
हम फिर भी तुम्हें मनायेंगे
बहुत दुआओं के बाद मिली हो हमें
ऐसे कैसे तुम्हें गवायेंगे
ऐसे कैसे तुम्हेंं गवायेंगे।

