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Pankaj Prabhat

Romance

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Pankaj Prabhat

Romance

तू ज़रूरी सा है मुझको....

तू ज़रूरी सा है मुझको....

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तू ज़रूरी सा है मुझको, ज़िन्दा रहने के लिए,

एक नाम काफी है तेरा, ये साँसें चलने के लिए।

रात काली हो तो क्या, जो साथ तू है अगर,

तेरा वज़्ल ही है काफी, मंज़िल पाने के लिए।

तू ज़रूरी सा है मुझको…..


तेरी लगन भी है मुझको, और तेरा शौक भी है,

तू एक लम्हा सा है मुझमें, तू ही मेरा दौर भी है।

तू मुकाबिल ह

ो मेरे तो, फिर मुमकिन हर मंज़िल,

एक तेरी आस ही है काफी, चलते जाने के लिए।

तू ज़रूरी सा है मुझको…..


ये वादियाँ ये दामन बहार के, हैं नज़र तेरे शबाब के,

तेरा हाथ हो जो हाथ में, चल पड़ेंगे खुद ये रास्ते।

तेरे प्यार का मिले जो आसरा, खो रहूंगा तेरी बाँह में,

एक तेरा दामन ही है काफी, दुनिया बसाने के लिए।

तू ज़रूरी सा है मुझको…..


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