तू मेरा....
तू मेरा....
तेरे बिन ना चलें कदम
संग रहना तू मेरे हमदम
हो कभी जो ये आंखें नम
छुपाना नहीं तुम कोई ग़म
सुख-दुख की डोर बंधी साथ में
हमने कसकर पकड़ी हाथ में
कोमल कपोल खिंच गए बात में
चन्दा मुस्काया चांदनी रात में...
हंसी-ठिठोली जब जमकर होती
स्नेहयुक्त मधुर बेला वो होती
बाहुपाश में सिमटी जो होती
ज़िंदगी बहुत खुशनुमा होती
इस वक़्त में मोहब्बत-ए-इज़हार लाज़िमी है
तुझे पाकर अब ज़िंदगी में न कोई कमी है
दिल में खुशी दुगुनी और आंखों में नमी है
तू है मेरा आसमां, तू ही मेरी ज़मीं है......।

