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Arjun Jain

Tragedy

3  

Arjun Jain

Tragedy

तू, मैं, हम...

तू, मैं, हम...

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गुज़रा जो वक़्त था 

इश्क़ का वो दौर था,


बेवफाई रुसवाई से अनजान 

बसती थी उनमें हमारी जान,


बहुत अजीज़ वो पल था 

पर वो बिता हुआ कल था,


खुदा से थी एक ही ख्वाहिश 

न थी फिर कोई और फरमाइश,


बस एक रिश्ते में बंध जाना था 

तू और मैं से हमें, हम हो जाना था...


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