STORYMIRROR

Arjun Jain

Others

3  

Arjun Jain

Others

घर वालों का साथ

घर वालों का साथ

1 min
199

मिलकर बैठते है जब एक साथ

करते हसी-मज़ाक और एक दूसरे कि बात,


कितना हसीन होता है वो वक़्त

जो बीतता है सबके संग एक साथ,


सुबह सब काम पे निकल जाते 

थक हार के शाम को वापस आते,


दिन भर कि थकान उतर जाती 

जब एक गरम चाय मिल जाती,


पर जो रिश्तों कि एहमियत को दुसरो में ढूंढ़ते है 

वे अपने ही अपनों को अनजान समझते है,


जो कहते है रिश्ते निभाना इतना आसान नहीं,

मैं कहता हूँ, अभी तुम्हें रिश्तों कि पहचान नहीं...


Rate this content
Log in