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AVINASH KUMAR

Fantasy

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AVINASH KUMAR

Fantasy

तू बता किसका है

तू बता किसका है

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दूर से दिख रहा है, सामान किसका है

ये बिना दीवारों का मकान किसका है


मुझसे ले गया उसको जो ले जाना था

फिर मेरी शाख पर ये तूफान किसका है


उसके चेहरे पर है फिर भी उसका नहीं

मुझे बताओ ये इत्मीनान किसका है


वो मुझे दूर से देखता है और मैं उसको

हौसला रखने का इम्तिहान किसका है


हर कहानी का अंजाम लिखा है मैंने

कोई ये बताये, ये उनवान किसका है


बरसात तो हुई है शहर भर में मगर

अब भी सूखा हुआ दालान किसका है


हर किसी के पास कुछ दर्द मिल जाता है

दिल धड़कना यहाँ आसान किसका है


जितना चाहा मैंने तुझे तू उतना मुझको रूलाता रहा

तुझे अपना मैं समझता रहा आखिर तू बता किसका है


*उनवान -शीर्षक

 दालान- बरामदा


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