STORYMIRROR

S Ram Verma

Romance

2  

S Ram Verma

Romance

तुम्हारी अभिलाषा !

तुम्हारी अभिलाषा !

1 min
335



हाँ मुझे है

तुम्हारी अभिलाषा,

क्योंकि तुम्हारा

साथ कभी भी

मुझे भटकने

नहीं देता..

तुम्हारा कोमल और 

नरम सा स्पर्श

मुझे कोई तकलीफ़

नहीं देता..

तुम्हारा मेरे

जीवन में होना

मुझे कभी शून्य

नहीं होने देता..

शायद ये तुम्हारी

अभिलाषा ही है,

जो मेरे जीवन को 

संपूर्ण बनाती है !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance