"तुम्हारी आने की आहट"
"तुम्हारी आने की आहट"
ना भाय किसी बच्चे की खिलकारी,
ना भाय किसी चिड़िया की चिलकारी,
मुझे तो भाय तेरी पायल की छनकारी!
यू तो है मुझमे तुम्हे पाने की चाहत ,
तभी तो मुझे प्यारी लगे तुम्हारी आने की आहट!
सूनी दहलीज़ लाँघो कभी मधुबन की,
कभी तो पूरी करो तमन्ना मेरे मन की,
गूँज उठेगी छन-छन की,
चलेंगी हवाएँ सन-सन सी,
यू तो है मुझमे तुम्हे पाने की चाहत ,
तभी तो मुझे प्यारी लगे तुम्हारी आने की आहट!
मिश्री सी घुल जाए आवाज़ कानों में,
जैसे छोड़ दी हो मस्तानी मस्तानों नें,
जैसे छोड़ दी हो दिवांगी दिवानों ने,
सूने से मधुबन में सज जाएँगी महफ़िल तुम्हारे आने से,
यू तो है मुझमे तुम्हे पाने की चाहत ,
तभी तो मुझे प्यारी लगे तुम्हारी आने की आहट!
घुँगरुओं की छनकार ,
दिवाना कर जाए हर बार,
तरसे आँखें करने को तुम्हारे दीदार,
कभी तो सुनो मेरी पुकार,
छनकारियों से हो गया है मुझे प्यार,
यू तो है मुझमे तुम्हे पाने की चाहत ,
तभी तो मुझे प्यारी लगे तुम्हारी आने की आहट!
होंगी खुशियाँ मिटेंगे ग़म,
मात कर जाएगी छनकार हर सरगम,
थम जाएगा समा हर दम-दम ,
जब बजेगी ये धुन छम-छम,
ना जाने कब देखेंगे वो पल मेरे हमदम,
यूँ तो है मुझमें तुम्हें पाने की चाहत ,
तभी तो मुझे प्यारी लगे तुम्हारी आने की आहट !