तुम्हारे हिस्से के स्पर्श..
तुम्हारे हिस्से के स्पर्श..
मुझमें
तुम्हारे हिस्से की मेरी आंखें
देख रहीं हैं अभी भी
वैसे ही सपने
जैसे तुमने देखने चाहे थे
उन दिनों !!
मुझमें
तुम्हारे हिस्से की "मैं"
अभी भी है
ठीक वैसी ही,
हां, कभी-कभार हो जाती है
थोड़ी सी अनमनी..
थोड़ी उदास..
पर, संभाले रखा है उसे
अब तक !!
सुनो..
मुझमें.. तुम्हारे हिस्से के मेरे स्पर्श
अभी भी जीवंत से हैं
और अनछुए भी !!

