टूटे बरसों की मित्रता के ताले इस हृदय ने रखे थे जो संभाले! टूटे बरसों की मित्रता के ताले इस हृदय ने रखे थे जो संभाले!
मुझमें तुम्हारे हिस्से की "मैं" अभी भी है ठीक वैसी ही, मुझमें तुम्हारे हिस्से की "मैं" अभी भी है ठीक वैसी ही,
बचपन में हम सोचते रहते की बड़ों की ज़िन्दगी है आसान, बचपन में हम सोचते रहते की बड़ों की ज़िन्दगी है आसान,
हिली है जो यह अर्थव्यवस्था इसे कैसे ना कैसे तो, फिर से संभालना होगा हिली है जो यह अर्थव्यवस्था इसे कैसे ना कैसे तो, फिर से संभालना होगा