तुम वापस फिर से मत आना
तुम वापस फिर से मत आना
सुनो! मेरा मन बहुत रो लिया
आंसू भी अब सुख चुके है
अब आंखें ही पिघल पड़ेंगी
तुम वापस फिर से मत आना !
और शिकायत कोई नहीं है
बस तुम आँसू नहीं परखते
मेरे दुःख को सुख सा समझो
तुम वापस फिर से मत आना !
पहले भी मेरे रोने पर
खिले हुए से विहस रहे थे
अब जो फिर हंसना हो मुझ पर
तुम वापस फिर से मत आना !
यद्यपि मेरे नयन बुझे से
अब भी सीज रहे हैं तुमसे
पर आना यदि समझ सको
मैं क्यूँ कहता, फिर से मत आना !