तुम ही तुम....
तुम ही तुम....
बात सारी हालातों पर आकर ठहर जाती है
मेरी किस्मत की लकीरों में ही नहीं हो बस,
बाकी तुम ही तुम हो जहां तक नजर जाती है!
बात सारी हालातों पर आकर ठहर जाती है
मेरी किस्मत की लकीरों में ही नहीं हो बस,
बाकी तुम ही तुम हो जहां तक नजर जाती है!