Tum Bin
Tum Bin
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किन राहों में आकर, हम भटक गए हैं,
उसकी आवाज सुनने को भी, तरस गए है ।
मेरा आंगन अब तक है सूखा,
लोग कहते हैं, बादल बरस गए हैं ।
जाने कौन-सी पागल थी, वो घड़ी,
मेरे सामने ही जब वो थी खड़ी ।
उसको मालूम भी तो हुआ ही नहीं,
दिल कितने दीवाने धड़क गए है ।
वहीं करते हैं उसका इंतजार,
जहाँ देखा था उसे पहली बार ।
अब तो मालूम हमको रहा ही नहीं,
मौसम कितने आ कर बदल गए हैं ।