तुम बिन मैं कुछ नहीं
तुम बिन मैं कुछ नहीं
मेरे वजूद का शृंगार है तुम्हारी मौजूदगी
तुमसे वाबस्ता मेरी रूह के हर तार है.!
मेरी तन्हाई, मेरा दर्द, गर्दिश में छुपे मेरी किस्मत के तारे होने की एक आहट पर तुम मेरे ये सारे नासाज़ असबाब अपने नाम कर लेते हो.!
उदास लम्हों में मेरा सर तुम्हारे सीने की पनाह पाकर सुकून का शामियाना सजाते मुस्कुराता है.!
मेरे एहसास के नखरे नहीं जानते तुम एक तुम्हारे साथ पर इतराते आसपास के सारे रिश्ते को बेमतलब के बौने समझते झूमते रहते है.!
मेरी ज़िंदगी में तुम हो तो बहार है, सुख है, जीवन है, ज़िंदा होने का एहसास है.!
तुम्हारी शख़्सीयत प्रतिबिम्ब है मेरी आँखों से बहती खुशी का,
मेरे होंठों से बहती हंसी का,
मेरे दिल से बहती धड़कन का,
मुझ में तुम ही तुम,
बिन तुम्हारे मैं कुछ नहीं।।

