तुझसे दूरी सह नहीं पाऊंगा
तुझसे दूरी सह नहीं पाऊंगा
जेबें खाली है मेरी और कीमत तेरी लाखों में है
पर तुझे कमी ना कोई आने दुंगा
तु बस हुक्म करना
मैं तेरी हर ख्वाहिश प्यार से पूरी करूंगा
हर मर्ज की दवा तो नही है मेरे पास
तेरा हर दर्द मिटा तो नही पाऊंगा
पर तु फिक्र मत करना
मैं तेरे हर जख्म पर प्यार की मरहम जरूर लगाऊंगा
प्यार की खास कोई निशानी तो है नही मेरे पास
पर मैं तुझे वो यादें देकर जाऊंगा
सुना है अमर प्रेम है राधा कृष्ण का
मैं एक बार तुझे वृंदावन जरूर लेकर जाऊंगा
चांद तारे तोड़ लाने के वादे मैं ना कर पाऊंगा
मैं अपनी कलम से तेरी हयात में सितारे सजाऊंगा
तु कबूल तो कर प्यार मेरा
मैं तेरे लिए इस जमीं को स्वर्ग सा बनाऊंगा
अधूरा सा रह गया हुं बिन तेरे
आ मिल मुझमें और पूरा कर दे मुझे
तुझसे दूरी मैं सह नहीं पाऊंगा
मैं एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाऊंगा।