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Shiv Kumar Gupta

Romance

4.5  

Shiv Kumar Gupta

Romance

तुझसे दूरी सह नहीं पाऊंगा

तुझसे दूरी सह नहीं पाऊंगा

1 min
401


जेबें खाली है मेरी और कीमत तेरी लाखों में है

पर तुझे कमी ना कोई आने दुंगा

तु बस हुक्म करना

मैं तेरी हर ख्वाहिश प्यार से पूरी करूंगा


हर मर्ज की दवा तो नही है मेरे पास

तेरा हर दर्द मिटा तो नही पाऊंगा

पर तु फिक्र मत करना

मैं तेरे हर जख्म पर प्यार की मरहम जरूर लगाऊंगा


प्यार की खास कोई निशानी तो है नही मेरे पास

पर मैं तुझे वो यादें देकर जाऊंगा

सुना है अमर प्रेम है राधा कृष्ण का 

मैं एक बार तुझे वृंदावन जरूर लेकर जाऊंगा


चांद तारे तोड़ लाने के वादे मैं ना कर पाऊंगा

मैं अपनी कलम से तेरी हयात में सितारे सजाऊंगा

तु कबूल तो कर प्यार मेरा

मैं तेरे लिए इस जमीं को स्वर्ग सा बनाऊंगा


अधूरा सा रह गया हुं बिन तेरे

आ मिल मुझमें और पूरा कर दे मुझे

तुझसे दूरी मैं सह नहीं पाऊंगा

मैं एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाऊंगा।


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