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Jitendra Vijayshri Pandey

Romance

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Jitendra Vijayshri Pandey

Romance

तुझे छूकर कभी देखूँ

तुझे छूकर कभी देखूँ

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तुझे छूकर कभी देखूँ,

तो तू महसूस हो जाये।

तुझे पाकर कभी देखूँ,

तो तू हक़ीक़त में तब्दील हो जाये।


तुझे गुनगुनाकर कभी गाऊँ,

तो तू गीत के अल्फ़ाज़ बन जाये।

तुझे मुस्कुराकर कभी देखूँ,

तो तू हर रुख़सार पे छा जाये।


तुझे जीकर कभी सोचूँ,

तो तू मेरा पर्याय बन जाये।

ख़्वाबों के आशियाँ में इस कदर डूब जाऊँ,

कि बस सोचूँ और तू मिल जाये।


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