STORYMIRROR

Rekha Shukla

Tragedy

4  

Rekha Shukla

Tragedy

तरन्नुम

तरन्नुम

1 min
157

खुश्बु हैं कि

गुंजी है तरन्नुम !

फूलों की हैं साजिश

टिप टिप गिरी तरन्नुम


गुस्ताख दिल है

कान पकड़ कर चुप करवा दो

गुस्ताख दिल है

हाथ पकड़ कर भूला तो दो

गुस्ताख दिल है


मानेगा नहीं

बच्चा है लगे लगा तो दो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy