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Manju Mahima

Drama

5.0  

Manju Mahima

Drama

त्रिशंकु

त्रिशंकु

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त्रिशंकु की भांति,

लटकी अधर में,

धरातल को तलाशती,


पश्चिम और पूर्व की,

संस्कृतियों के मध्य,

क्रीड़ा-कंदुक सी,


रस्साकशी के खेल को

सजीव करती,

भारतीय नारी,


अनिश्चयों की दहलीज़ पर,

खड़ी दिग्भ्रमित सी,

अपनी अस्मिता को

खोजने का

कर रही है प्रयास आज।।


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