STORYMIRROR

Manju Mahima

Others

4  

Manju Mahima

Others

माँ के करीब

माँ के करीब

1 min
368

जाओ आज माँ के करीब जाओ,

प्यार से सहलाओ उसे...

देखो कोई दर्द तो नहीं

दबा रखा उसने?


जाओ, झाँको उसकी

झील सी आँखों में,

करो कोशिश उतरने की उसमें

देखो अधूरी चाहतों के मोती

छिपे होंगे कहीं उसके तले में...


थामों उसकी हथेलियों को,

अपने मुलायम हाथों में,

हाथ की लकीरों में छिपे होंगे,

उसके कटु-अहसासों के छाले...


छुओ उसके चरणों को,

दबाओ हलके से,

पहचानो उसकी टीस से

कितने काँटों की चुभन

सही है उसने, तुम्हें आगे बढ़ाने में...


यदि कामयाब हो गए,

ढूंढने में एक भी छिपा दर्द

समझो कि

एकांश अदा कर दिया

तुमने उसके क़र्ज़ का...


Rate this content
Log in