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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Classics Inspirational

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Shailendra Kumar Shukla, FRSC

Action Classics Inspirational

तपस्या मैने भी की है

तपस्या मैने भी की है

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तपस्या मैंने भी की है 

क्या सिर्फ तुमने ही की है ?

जब आँख खुली,जग प्यारा था 

जब सांस चदी, ना किनारा था 

फिर भी लड़ता, ना हारा था !


तुमने तो सब छीन लिय़ा 

अपनो को भी लील लिय़ा 

जब से आये इस महफ़िल मे 

तुमने तो अपना सूट सिल लिय़ा 


फिर क्या तपस्या तुमने की है ?


हम तो आज भी सब खोते हैं 

अपनी हर गंदगी को धोते हैं 

पर तुम को क्या कहना है 

अभिमान तो तुम्हारा गहना है !


अब तो सब आस मिटी 

बस तो अब सांस बची 

सच् तपस्या तो हमने की 

तुमने तो बस तपस्या कही !


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