तोहफ़ा मोहब्बत का
तोहफ़ा मोहब्बत का
मिला है मोहब्बत का तोहफ़ा गर तो संभाल के रखिएगा,
हर किसी के नसीब में नहीं होता दिल के करीब रखिएगा,
रूह से जुड़ा रिश्ता है ये प्यार है ईश्वर का अनुपम उपहार,
खूबसूरत इस एहसास को खुद से कभी जुदा न रखिएगा,
प्यार वो फूल जो सबके दिल की बगिया में नहीं खिलता,
बिखरने न दें इस फूल को कभी सदा सहेजकर रखिएगा,
प्रेम शाश्वत है सच्चा समर्पण है इसमें नहीं कोई समझौता,
दिल से जुड़े इस रिश्ते में विश्वास सदैव बना कर रखिएगा,
प्रेम ना जीत है ना हार है ना दिखावे का इसमें कोई स्थान,
एहसासों के इस बंधन में बेशुमार प्यार ही प्यार रखिएगा,
एक दूसरे की खुशी के लिए मर मिटने का जज़्बा है प्यार,
गिले-शिकवे रूठना मनाना पर आँखों में सच्चाई रखिएगा,
चेहरे की मुस्कान मोहब्बत, है खुशियों का पैगाम मोहब्बत,
झूठ नहीं इसमें, निभा सकें जो उम्र भर वादे वही रखिएगा,
बेजान में भी जान फूँक दे ऐसी होती मोहब्बत की तस्वीर,
वक्त के साथ धुंधली न पड़े तस्वीर इसका ख्याल रखिएगा,
मोहब्बत के इस सावन में बहार कभी खत्म न हो इसलिए,
दिल में जो भी हो कह देना दिल में ना कोई बात रखिएगा,
दुनिया का सबसे बेशकीमती तोहफ़ा होता है मोहब्बत का,
कितना भी रुठ जाए हमदम खुद से कभी दूर ना रखिएगा।

