तन्हा अकेली रात...
तन्हा अकेली रात...
तन्हा अकेली रातों मे जब तेरी याद आती है,
तो दिल रोता है आँख भर आती है,
चाहता हूँ इस दर्द को दिल मे छुपा लूँ,
पर पलकों के रास्ते ये दर्द बह जाती है l
तन्हा अकेली रातों मे जब तेरी याद आती है...
सावन का मौसम जब हरियाली लेके आता है,
हर तरफ़ एक अजब सी खुशहाली लेके आता है,
खिल उठते हैं सब वन-उपवन बारिश मे,
पर मेरा मन खाली-खाली सा रह जाता है,
बारिश की बूँदें जब मन को भिगाती है,
तो दिल रोता है आँख भर आती है l
तन्हा अकेली रातों मे जब तेरी याद आती है...
सारा जहाँ है साथ मेरे, पर किसी की कमी सी है,
सारी खुशी है पास मेरे, पर आँखों मे नमी सी है,
रुक सी गई है मेरी ज़िंदगी पल भर के लिये,
आज मेरे साथ ये हवाऐं भी थमी-थमी सी है,
ज़िंदगी जब किसी की कमी का एहसास दिलाती है,
तो दिल रोता है आँख भर आती हैl
तन्हा अकेली रातों मे जब तेरी याद आती है...
याद आते हैं वो लम्हे जो हमने साथ बिताये थे,
कुछ सपने थे अपने, जो हमने मिलके सजाये थे,
तुम छोटी-छोटी बातों पे रूठ जाया करती थी,
और...और तुम्हे हँसाने के लिये मैंने क्या-क्या तरीके अपनाये थे,
आज भी जब वो शाम याद आती है,
तो दिल रोता है आँख भर आती है l
तन्हा अकेली रातों मे जब तेरी याद आती है,
तो दिल रोता है आँख भर आती है l