बाँकी है कूछ साँस तुममे
बाँकी है कूछ साँस तुममे
धूप की आग में तपोगे तुम
बारिश की बूँदों में भीगोगे तुम
रास्ते कठिन हैं, ठोकरें लगेगी
ठोकर खाके फिर गिरोगे तुम
पर गिरकर उठना है फिर से तुम्हे,
रखना ये एहसास तुममे
चलो उठो, भागो,
कि अभी बाँकी है कूछ साँस तुममे...
हर कदम पे चुनौतियां मिलेगी,
हर दिन होगा मुसीबत
जिन्दगी ठोकरों के बहाने, देगी कूछ नसीहत
चुनौतियां से तुम खुद को मजबूत बनाना
मैदान छोड़ कर तुम भाग मत जाना
खुदा ने तुम्हे चुना है, तो होगा कूछ खास तुममे
चलो उठो, भागो, कि अभी बाँकी है कूछ साँस तुममे...
गिरना भले मगर मुश्किलों के सामने झुकना मत
हारना भले सौ बार मगर कभी तू रुकना मत
उम्मीदों के दामन को कभी मत छोड़ना
मुश्किल रास्तों से कभी मुँह ना मोड़ना
सौ हार के बाद तू जीतेगा, रखना ये आस तुममे
चलो उठो, भागो,
कि अभी बाँकी है कूछ साँस तुममे...