टूटा दिल...
टूटा दिल...
मेरे प्यार को उन्होंने मेरी कमजोरी समझ ली
कूछ ना कहा तो मजबूरी समझ ली
उन्होंने समझा मैं तो वो बादल हूँ जो न गरजता है ना बरसता है
मैं तो वो हँसी हूँ जिसपे सारा जहाँ हँसता है
उन्होंने तो थाम लिया हाथ किसी का
चल दिये निभाने साथ किसी का
उन्हें क्या पता मैंने क्या किया उनकी खुशी के लिये
अपने आँसुओं का भी सौदा कर दिया उनकी हँसी के लिये
मैं तो वो प्यसा हूँ जो नदी में रहकर पानी को तरसता है
उनकी खुशी की दुआ भी करता है, उनके प्यार को भी तड़पता है
उन्हें कौन समझाये, मैंने सर झुकाया है उसमे भी कोई राज़ है
मैंने लबों से कूछ ना कहा पर मेरी आँखों में आवाज है
मैं तो वो प्यार हूँ जिसके लिये सारा जहाँ तरसता
मैं तो वो धड़कन हूँ जो सबके दिलों में धड़कता है
हजारों पलकें आज भी बिछी है,
हजारों शख्स आज भी इंतजार करता है
पर क्या करूँ कमबख्त ये दिल आज भी उनसे ही प्यार करता है...!