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तकलीफ तब होती हैं

तकलीफ तब होती हैं

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समय बदलता है,

दिन बदलते है,

अच्छा लगता है,

तकलीफ तब होती है,

जब कोई अपना बदलता है।


मरहम जख्म भरते नहीं ,

चाह कर भी,

वो मिलते नहीं ,

बस उनकी यादों के सहारे,

कटते है दिन,

तसवुर में,उनके सिवा

कोई जँचता ही नहीं ।


हर जख्म उनका याद है,

कुछ भूले नहीं है,

देखकर नजरे चुराते है

ऐसे,जैसे,

हमसे कभी मिले ही नहीं है।




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