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Arun Gode

Tragedy

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Arun Gode

Tragedy

आज का राष्ट्रनेता

आज का राष्ट्रनेता

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 चुनाव आया, चुनाव आया, जनता को करने चौपट,

 नेताओं का भ्रष्टाचार का नारा लगा उठने फटा-फट।

 पक्ष-विपक्ष ने एक-दूजे को कहने का किया कष्ट,

 मतदाताओं से कहाँ हमें छोड़ के सभी हैं भ्रष्ट।


जब भ्रष्टाचार से नेताओं ने लिया पंगा दिखावटी,

प्रसार माध्यामों ने उजागर की नेताओं की नौटंकी।

हम सभी नेता और प्रशासन हैं कायम भ्रष्टचारी,

समझ में आया हम सब हैं भ्रष्टाचार के महारथी।

     

 जब नेताओं की बत्ती जली सिर्फ जनता नहीं हैं भ्रष्टचारी,

 वो जन्मजात, प्रामानिक, सदाचारी, राष्ट्रवादी और कष्टाचारी।

 फिर हम नेता क्यों कहें एक-दूसरे बेकार में भ्रष्टाचारी, 

 सोचे-समझी नीति से नेताओं ने बंद की नारे की हेराफेरी।


जनता को किया नेताओं ने नम्र निवेदन स्पष्ट,

प्यारे देश भक्तों थोड़ा करो वोट देने का हमें कष्ट।

अन्यथा नहीं बचेगा अपना ये महान राष्ट्र,

अगर नहीं चुनेंगे देश का नेता आप भ्रष्ट।


भ्रष्ट नेताओं की फौज लाती हैं भ्रष्टाचार, 

भ्रष्ट नेताओं को चढ़ता है फिर अहंकार।

फिर वो करे आम जनता को त्रस्त बार-बार,

अज्ञानी जनता को ऐसे भ्रष्ट नेताओं से कितना प्यार।

    

आज राजनीति बन चुकी हैं सिर्फ लुट का व्यापार, 

फिर भी आम जनता भ्रष्ट नेताओं को चुनती बार-बार।

फिर ऐसे भ्रष्ट नेता क्यों न करें भ्रष्टाचार से प्यार,

तो भोली आम जनता को होना ही हैं नुकसान अपार।



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