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Taj Mohammad

Abstract Romance Tragedy

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Taj Mohammad

Abstract Romance Tragedy

हम बेकार हो गए।

हम बेकार हो गए।

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हर चिराग के पास खुद की अपनी रोशनी नहीं होती।

इशारों को समझो जनाब इनकी कोई बोली नहीं होती।।1।।


तुम्हारे मिलने के अंदाज से हम बिल्कुल ही बेकार हो गए।

यह जानते हो तुम भी हर इंसान की तकदीर सोई नहीं होती।।2।।


तू सोचकर तो देख खुद में कि ऐसे हालात हैं क्यूँ मेरे।

एक आम से इंसान की इस तरह की जिंदगी नहीं होती।।3।।


हाथों की लकीरों में क्या पढ़ता है कि आगे क्या होगा।

किस्मत के सहारे बैठे इंसान की कोई किस्मत नहीं होती।।4।।


यह सोच कर दुनिया में मैं जिंदगी जी लूंगा अपनी।

कि खुदा से मांगी गयी हर दुआ शायद पूरी नहीं होती।।5।।


एक अंदाज है मेरा जिसके लिए मैं जिंदगी जी लूंगा।

वरना जिंदगी तो कभी किसी की हमेशा पूरी नहीं होती।।6।।


छूकर उसको यह उजला रिश्ता तू मैला मत कर देना।

सोच लो वरना किरदारों की कहीं धुलाई नहीं होती।।7।।



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