तीसरा शख्स
तीसरा शख्स
प्यार अंधा होता है सुना ही होगा
इसलिए मैं भी प्यार में अंधी हो चुकी थी
मेरे प्यार की हद ही ना पूछो क्योंकि
तुझे पाने खातिर खुद को ही खो चुकीं थी!
प्यार को मैंने खुदा का नाम दिया था
अपनी जिंदगी को तेरा गुलाम बना दिया
प्यार पर यकीन कुछ ज्यादा ही था पर
तूने हमारे प्यार में तीसरे शख्स को ला दिया !
सोचा भरोसे की बुनियाद पर रिश्ते हैं
इसलिए हर आजादी दे डाली थी मैंने
तेरे सिवा किसी की खबर ही नहीं थी
जाने कैसी अपनी हालत बना ली थी मैंने!
मुझे प्यार था तुझसे इस हद तक कि
तुझे खो ना दूं सिर्फ यही डर रहता था
तेरे बिना जीना भी क्या जीना होगा
तू भी मुझसे हमेशा यही कहता था !
जिस तीसरे के आने का डर था मुझे
आखिरकार उसे ही जिंदगी में ला दिया
तुम दोनों तो इश्क कर बैठे और
मुझे ही आज तीसरा शख्स बना दिया!