थैंक यू वेरी मच पापा...
थैंक यू वेरी मच पापा...
बिटिया रानी
अब छः महीने की हो चुकी है...
और जैसे-जैसे बढ़ रही है वो
सपने गहरे और गढ़ रहे हैं मेरे...
रोज ही सराबोर कर उंगलियाँ अपनी
फिर हथेलियों में चुपड़ उनमें भरा वो तेल
जब भी सामने लेटी
अपनी छोटी सी बेटी की मालिश के लिए
अपने पाँवों का बिस्तर बिछा
तैयार होकर बैठता हूँ
नज़र टिक जाती है
उसकी अल्हड़ शैतानियों पर
और उंगलियां खुद-ब-खुद
फिरने लगती हैं... ऊपर से नीचे
उसके मासूम बदन पर...
और उसी बीच अक्सर...
अपनी मासूम सी हथेलियों से
सहलाते हुए मेरे घुटनों को
जो पल भर को थाम देती है
अपने हाथ की वो हरकत
महसूस होता है
जैसे कह रही हो मुझसे
जैसा आप चाहते हो
मैं वैसी ही.. इतनी प्यारी सी.. भोली सी..
सलोनी गुड़िया बनकर रहूंगी,
आप पढ़ाओगे...
मैं पढूंगी..
डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, या अधिकारी
जो आप चाहें, मैं वही बनूँगी,
आप जो खेलने की करोगे बात
मैं खिलाड़ी बन मैदान में भी
पूरी मुस्तैदी से डटूँगी
और जो कहीं
देश की सुरक्षा का
उठा दोगे कभी कोई सवाल आप
मैं सेना का सिपाही बन
सरहदों की रखवाली खुद बनूँगी,
पर उन सब
सारे के सारे कारनामों को कर दिखाने से पहले
पापा मुझे भरोसा है
पापा मुझे भरोसा है आप पर ही
कि आप जो लेकर आए हो मुझे इस दुनिया में
इस समाज में
देश भर की नई मचलती हवाओं के बीच
तो
हर आधुनिक डर से मुझे बचाकर... अपने सपनों संग सजा
मुझे मन भर उनमें पिरोकर
स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी कराकर
आप मेरे संग यूं ही हंसते-जीते-खिलखिलाते जाओगे...
थैंक यू मेरे पापा
थैंक यू वेरी मच पापा!