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पंचम कुमार "स्नेही" ✍️

Romance Thriller

4  

पंचम कुमार "स्नेही" ✍️

Romance Thriller

तेरी बातों में!

तेरी बातों में!

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तेरी बातों में,

कहीं मैं उलझ सा गया हूँ।


तेरी खामोश होठों पे यूँ

सिमट सा गया हूँ।

कहीं मुझमें, तू ज़िंदा है,

एक ख्याल बनके !


तेरी आहट कि कमी को

पहचान सा गया हूँ।

मरना भी एक मज़बूरी सा है


हालातों को देख अब

जीना सीख सा गया हूँ।


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