तेरे प्यार से सुकून मिले
तेरे प्यार से सुकून मिले
तेरे प्यार से सुकून मिले,
तेरे प्यार का कोई जवाब नहीं,
मैं सिहर - सिहर जाती हूँ,
जब भी मेरे दिल में गुल खिले।
तेरे आने की मस्ती में देख,
मैं नाम अपना भूल गई,
जब आईने में सँवरने लगी,
मैं श्रृंगार अपना भूल गई।
एक गुदगुदी सी मन में हुई,
तुझे याद कर दिल मचल गया,
मेरे होठों पे तेरी प्यास का,
वो भरा सा जाम छलक गया।
सब पूछ बैठे मेरी गुमसुमी का राज,
उन्हे क्या पता तू था मेरे साथ,
मैं मूंद पलकें तुझे याद करुँ,
जब भी दिल लगे थोड़ा उदास।
तेरे साथ की चाहत में रोज,
मेरे अंदर का ये दिल जले,
तेरे प्यार का कोई जवाब नहीं,
तेरे प्यार से सुकून मिले।।