माँग लेते हैं तुझसे तस्वीर तेरी
माँग लेते हैं तुझसे तस्वीर तेरी
माँग लेते हैं तुझसे तस्वीर तेरी ,
जब तलब तेरी लग जाती है ,
पता नहीं ये क्या है सच में ,
जो दिल को बहुत जलाती है |
बहुत रोका था खुद को सच में ,
हार गये तेरी ज़िद के आगे ,
अपनी गलती को सोच कर अब ,
इन आँखों में मस्ती छाती है |
तेरा मिलना इत्तफाक अनोखा ,
बच बच के भी बच ना पाये ,
ये सोच के दिल को सुकून मिलेगा ,
इस ज़िस्म में गर्मी आती है |
माँग लेते हैं तुझसे तस्वीर तेरी ,
जब तलब तेरी लग जाती है ,
पता नहीं ये क्या है सच में ,
जो दिल को बहुत जलाती है |
कुछ देर तेरी तस्वीर निहार ,
कर लेते दिल को आर पार ,
फिर सोच के ये तू मिल ना सकेगा ,
इन आँखों में बदरा छाती है |
कभी लगता तू झूठा एकदम ,
कभी लगता मेरे साथ खड़ा ,
अपने निर्णय के भ्रमजाल में ,
ये धड़कन रुक सी जाती है |
एक एहसास जो मैने पाया ,
सपना बन अब जा ना पाया ,
तेरी मीठी बातों में आकर ,
मेरे दिल की कश्ती गहराती है |
माँग लेते हैं तुझसे तस्वीर तेरी ,
जब तलब तेरी लग जाती है ,
पता नहीं ये क्या है सच में ,
जो दिल को बहुत जलाती है ||