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Omdeep Verma

Romance

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Omdeep Verma

Romance

तेरा दीदार

तेरा दीदार

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उतनी ही मोहब्बत है तुमसे 

बस तुम्हें ऐतबार हो जाए ।

तुम्हारी राह देखता रहता हूं 

काश ! तुम्हारा दीदार हो जाए।


मैं आज भी वहीं हूं 

जहां तू मुझे छोड़ गई थी। 

करके वादे जन्मों के 

नाता पलों में तोड़ गई थी। 


भूलाकर तुम्हारी गलतियों को 

तुम्हारे इंतजार में हूं।

आकर निकाल ले मुझे 

फँसा मझंधार में हूं।


पहले की तरह फिर से 

दोनों के एक विचार हो जाए।

तुम्हारी राह देखता रहता हूं 

काश ! तुम्हारा दीदार हो जाए।


पलभर भी दूर ना रह पाता था 

ना जाने कितने वर्ष अकेले गुजारे मैंने। 

जो तेरे लिए तोड़कर लाने की कहता था 

वो एक-एक गिने है तारे मैंने। 


भर आती हैं आंखें मेरी 

जब याद तुम्हारी आती है। 

तुम्हारी मीठी बातों की कसक 

रह-रहके मुझे सताती है। 


मिटा दे दूरियां इससे पहले 

की जमाना बनकर खड़ी दीवार हो जाए। 

तुम्हारी राह देखता रहता हूं 

काश ! तुम्हारा दीदार हो जाए।


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