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Omdeep Verma

Inspirational

4.5  

Omdeep Verma

Inspirational

खुद को जानने का मौका मिला

खुद को जानने का मौका मिला

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जिंदगी को बचाने के लिए 

भागदौड़ को ठहराव दिया 

घर के कामों में उलझा कर 

खुद का मन बहलाव किया।

        फुर्सत ना मिलती थी कभी 

        अब तो वक्त ही वक्त है 

        पालन कर रहे हैं हम सभी 

        माना नियम थोड़े सख़्त है।

दूर हो रहे थे हम जिनसे 

अपनों के पास आ रहे हैं 

ना कोई शिकवा किसी से 

आदेश सरकारी रास आ रहे है।

        मोह माया से मुक्त जैसे 

        सादा जीवन जी रहे हैं 

        इस गर्मी में भी हम 

        पानी गर्म करके पी रहे हैं। 

सांस लेने लायक

हुई हवा 

पीने लायक पानी हो गया 

धुआँ रहा ना धूल अब 

नजारा प्रकृति का रूहानी हो गया। 

       पशु पक्षियों को जिंदगी बेहतर हुई 

       जैसे मिली हो जिंदगी दोबारा उन्हें 

       उसी को छीनने चला था इंसान

       बस जो एक ही था सहारा उन्हें। 

बाहर कहीं कोई दिखता नहीं 

खुद को जानने का मौका मिला 

बीते जिंदगी के सफर को 

आज मापने का मौका मिला।

        सोशल डिस्टेंस निर्धारित है 

        दिलों की दूरियाँ कम हो रही 

        हमारे हौसलों के आगे देखो 

        यह महामारी बेदम हो रही।



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