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Omdeep Verma

Abstract

4.5  

Omdeep Verma

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पवित्र धागा

पवित्र धागा

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65


तेरे प्यार का पवित्र धागा 

कलाई मेरी पर बंधा रहे 

चेहरे तेरे पर बहना मेरी 

मुस्कान यूं यह सदा रहे।

 

लड़ती भले ही रोज रह 

पर रूठ ना जाना कभी 

कौन करेगा शिकायत मेरी 

छोड़ ना मुझे जाना कभी।

 

ख्याल तू जितना रखे मेरा 

नहीं है कोई रखने वाला 

हर कदम पर तू साथ मेरे 

नहीं कोई साथ चलने वाला।

 

भले ही उम्र में मैं बड़ा हूँ 

समझ में तू बड़ी है मुझसे 

मैंने उतना ही प्यार किया है

जितनी तू लड़ी है मुझसे।


फिक्र ना कभी करना तुम 

माना कमीनापन यहां ज्यादा है 

मुसीबत ना कोई आने दूंगा 

यह भाई तेरे का वादा है।

 

आज से एक वादा और मेरा 

तेरी जितनी इज्जत सबकी होगी 

चेहरा तेरा आएगा सामने मेरे 

कोई लड़की संकट में जब भी होगी।


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