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Omdeep Verma

Abstract

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Omdeep Verma

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एक औरत

एक औरत

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एक औरत ! जिसने मुझे जन्म तो नहीं दिया 

पर मुझ पर दुनीयाभर का प्यार लुटाया। 


एक औरत ! जो अपना दूध तो नहीं पिला सकी 

पर मुझे कभी भूखा भी नहीं सुलाया।


एक औरत ! जो मुझे स्कूल तो नहीं भेज सकी

पर मुझे जिदंगी का हर पाठ पढा़या।


एक औरत ! जो मुझे साईकिल तो नहीं दिला सकी

पर मुझे वक्त के साथ चलना सिखाया।


एक औरत ! जो खुद पूरी उम्र कुछ ना देख सकी

पर मुझे जीवन का हर राह दिखाया।


एक औरत ! जो मेरी असल माँ तो नहीं थी

पर मैंने उसको भगवान का दर्जा दिया।


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